...राग अनेक
"माँ""गर खुदा कहे किज्न्नत का जलवा है मेरी पनाहों में...
तो मैं कहूँ ,वहाँ भी किसी 'माँ' की हस्ती होगी,नज़ारे कितने भी हो मौसम-ए-दुनिया के रहबर,
हर पहलू मे 'माँ' की कायनात होगी"