Saturday, June 28, 2008

माँ





"माँ"
"गर खुदा कहे किज्न्नत का जलवा है मेरी पनाहों में...


तो मैं कहूँ ,वहाँ भी किसी 'माँ' की हस्ती होगी,नज़ारे कितने भी हो मौसम-ए-दुनिया के रहबर,


हर पहलू मे 'माँ' की कायनात होगी"