
युवा कवि अरुण आदित्य के बारे में सुना तो था, पड़ा भी था। पर उनसे मिलने के बाद उन्हें और उनकी कविताओं को एक अलग नज़रिये से देखने का मौका मिला। उनकी यह कविता आपभी पढिए
इंटरव्यू
आपकी जिन्दगी का सबसे बड़ा स्वपन क्या है
आसान सा सवाल पर मै हड़बड़ा गया
घबराहट मे हो गया पसीना- पसीना,
पर याद नही आया अपना सबसे बड़ा सपना
पर याद नही आया अपना सबसे बड़ा सपना
याद आता भी कैसे
मैंने अभी तक सोचा ही नही था
कि क्या है मेरा सबसे बड़ा स्वपन
मैं सोचता रहा
सोचते सोचते आ गया बाहर
कि यह सिर्फ़ मेरी बात नही
देश मे है ऐसे मार तमाम लोग
दूसरो के सपनो को चमकाते हुए
जिन्हे मौका ही नही मिलता
सोच सके अपने लिये कोई सपना
अपने इस सोच पर मुगध होता हुआ तैयार किया अगले इंटरव्यू का जवाब
मेरा सपना है कि देख सकू एक सपना जिसे कह सकू अपना
जवाब हो चुका है तैयार
पर अब भी एक पेंच है कि जिन्दगी
क्या एक ही सवाल पूछेगी हर बार
2 comments:
न्की इस युवा कवि की तस्वीर तो भाइ बहुत शानदार है उन्की कविता के मफ़िक
अरूण भाई तक हमारा नमस्कार पहुँचाइयेगा.
वे हमारे शहर इन्दौर में बरसों रहे हैं.
उनकी यह कविता उनकी तबियत और तेवर के माकूल ही है ...बस एक छोटी सी शिकायत...टायपिंग दोषपूर्ण हुआ है और कई ग़लतियाँ हैं वर्तनी की जो कविता के आनन्द को कम करती है.
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