कौन देश मे आया सधो यह तो अजब नगरिया इसमे पग-पग फैला जाल पग-पग पर स्स्य्याद दिखे हैं कन्ठी मला डाल दिल में हूक उठे है मनवा बौराया साधो! कौन देस मै आया brajesh
ज़िन्दगी के हर राग को समझने की कोशिश मे लगा हू कानपुर में पला-बढ़ा, पत्रकार बनने की सनक में दिल्ली आ पहुंचा| बहुत दिनों तक भटकने के बाद आखिर एक अखबार ने मेरी कीमत तय कर दी| फ़िलहाल उसी की खा बजा रहा हू|
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कौन देश मे आया सधो
यह तो अजब नगरिया
इसमे पग-पग फैला जाल
पग-पग पर स्स्य्याद दिखे हैं
कन्ठी मला डाल
दिल में हूक उठे
है मनवा बौराया
साधो! कौन देस मै आया
brajesh
अपनो से दूर बेगानो की दुनिया मे क्या ढूढ रह है ये दिल
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